व्यापारियों ने मुहाना मंडी सचिव के भ्रष्टाचार पर उठाए सवाल, व्यापारियों पर दबाव बना रहे मंडी सचिव
-किसानों के लिए बनाए गए प्लेटफॉर्म अवैध रूप से व्यापारियों को दिए किराए पर
-लाखों रुपए का किराया अपनी जेब में रख रहे मंडी सचिव
-किसानों को नहीं मिल रही सुविधा और सरकार को हो रहा राजस्व का नुकसान
जयपुर। मंडी सचिव का कार्य मंडी में व्यापारियों को सुविधा और संसाधन उपलब्ध कराने का है। लेकिन, मुहाना मंडी के सचिव इन कार्यों के बजाय भ्रष्टाचार करने में लगे हुए हैं। जब व्यापारियों ने इनके भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई तो मंडी सचिव उनको ही गिरयाने लग गए। आश्चर्य की बात
यह है कि पद का रौब दिखाते हुए मंडी सचिव ने व्यापारियों से उनके व्यापार संघ का पंजीयन, विधान, बाइलॉज, कार्यकारिणी और सदस्यों की सूचना
ही मांग ली है। खास बात यह है कि मंडी सचिव ने इसके लिए बाकायदा पत्र भी जारी किया है।
जबकि नियमानुसार मंडी सचिव को यह मांगने का अधिकार नहीं है। मंडी सचिव यह भी नहीं बता रहे हैं कि उन्होंने किस नियम के तहत व्यापारियों से उनके
संगठन की जानकारी मांगी है।
यह है मामला
मंडी सचिव की कार्यशैली का विरोध कर रहे व्यापारियों का कहना है कि मंडी में प्लेटफॉर्म किसानों की उपज के लिए बना रखे हैं। जिससे किसान
अपनी उपज आसानी से बेच सकें। व्यापारियों का आरोप है कि मंडी सचिव ने नियम विरुद्ध इन प्लेटफॉर्म को दूसरे व्यापारियों को अवैध रूप से लाखों रुपए
महीना किराए पर दे रखे हैं। कुछ व्यापारियों और व्यापारिक संगठनों ने मंडी सचिव के इस कार्य पर सवाल उठाए।
इस पर उल्टे मंडी सचिव व्यापारियों को ही धमका रहे हैं।
