जयपुर। आस्था के पावन केंद्र श्री अमरापुर स्थान जयपुर में बसंत पंचमी का पावन पर्व श्रद्धा भाव से मनाया गया। प्रातः काल की मधुर वेला में प्रातः 6.30 बजे मां सरस्वती देवी, लड्डू गोपाल, भगवान लक्ष्मी नारायण, आचार्य श्री को पीले वस्त्र (पोशाक) धारण करा कुंगू केसर तिलक से पूजा अर्चना करी गई एवं पीले मीठे चावल, पीले लड्डू ,पीले चावलों से निर्मित खीर अन्य पीले व्यंजनों का भोग लगाया गया।
उत्सव के अंतर्गत संत महात्माओं द्वारा भजन एवं सत्संग किया गया। हाजरा हजूर सतगुरु स्वामी भगत प्रकाश जी महाराज द्वारा अपने प्रवचन के अंतर्गत बताया गया कि संत और बसंत एक समान है। बसंत ऋतु के आगमन से प्रकृति हरित हो जाती है और संत के आगमन से जीवन हरित हो जाता है।
श्री अमरापुर स्थान जयपुर के व्यवस्थापक संत श्री मोनूराम जी महाराज ने बसंत ऋतु के लाभदायक फल बताते हुए कहा कि *बसंत ऋतु रंग वारी रे !*! “बसंत ऋतु की हवा- एक लाख रुपए की दवा” के समान है। इस ऋतु में प्रातः कालीन भ्रमण करने से मनुष्य का जीवन स्वस्थ एवं निरोगी बन जाता है। संतों ने बताया कि विद्या की देवी मां सरस्वती की आराधना करने से विद्यार्थी को विद्या का अनूठा दान प्राप्त होता है बुद्धि पवित्र होती है। उत्सव के अंतर्गत श्री मंदिर, समाधी साहब एवं मुख्य द्वार पर पीले फूलों से आकर्षक रंगोली सजाई गई जो कि अपने आप में एक मनमोहक दृश्य के रूप में प्रस्तुत हुई। बच्चे एवं विद्यार्थी वर्ग द्वारा मंत्र उच्चारण कर मां सरस्वती का पूजन कर विद्यादान मांगा गया। बच्चो को अभिमंत्रीत पैंसिल व पेन दी गई !
उत्सव में स्वामी मनोहर लाल जी महाराज, संत श्री मोनूराम जी महाराज, संत नवीन जी, संत हरीश जी, संत गुरुदास जी आदि संत उपस्थित रहे !!
*गुरुवार 15 फरवरी को सदगुरू स्वामी टेऊं राम चौथ महोत्सव (मासिक जन्म दिवस) भक्ति भाव से मनाया जाएगा !*