सांगानेर के चुनाव के अप्रत्याशित परिणाम के बाद कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पेंद्र भारद्वाज ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि शायद उन्हें भी पूरे साढ़े चार साल फील्ड से गायब रहना चाहिए था, जी तोड़ मेहनत कर विकास के कार्य नहीं करने चाहिए थे, जनता के बीच जनसेवा कार्यालय खोलकर जनता के व्यक्तिगत काम नहीं करवाने चाहिए थे। इन सबके बजाय उन्हें आखरी 6 महीनें में धर्म व जात-पात की राजनीति कर के ध्रुवीकरण से चुनावी मैदान में उतरना चाहिए था।
भारद्वाज ने बड़े भावुक होकर कहा कि जो काम सांगानेर में 20 सालों से नहीं हुए थे ऐसे सारे काम जैसे पृथ्वीराज नगर का विकास, सिटी पार्क, 4 सरकारी कॉलेजे, 18 इंग्लिश मीडियम स्कूल, बीसलपुर का पानी, सैटेलाइट हॉस्पिटल, सड़कों का जाल उन्होंने जनता के बीच रहकर पूरे 5 साल जी तोड़ मेहनत कर करवाया। उन्होंने कहा कि उन्हें भी शायद पूरे 5 साल जनता में रहने के बजाय बड़े नेताओं की जी हुजूरी में रहना चाहिए था।
भारद्वाज ने कहा कि अब कभी कोई चुनाव हारकर भी जनता के हित में काम करने की हिम्मत नहीं कर पाएगा।
गौरतलब है कि पुष्पेंद्र भारद्वाज की हार के बाद खुद भाजपा कार्यकर्ता यह कह रहे कि एक अच्छा मेहनती इंसान हार गया। सांगानेर में पुष्पेंद्र भारद्वाज जी के प्रति सहानुभूति का माहौल है हर कोई उनकी मेहनत व काम की तारीफ कर रहा है पर भाजपा के गढ़ होने के कारण चुनाव नहीं जीत पाए पर 25 साल में सांगानेर में कांग्रेस को सबसे ज्यादा 97081 मत क़रीबन 40 % वोट के रूप में मिले है।